No. 4, August 2020

Foundation Publication

वर्ष 2020 ने पूरी मानवता को एक नये अनुभव से गुजारा। अनिश्चितता से भरे इस वर्ष में तरह-तरह के अनुभव आये। बीते साल के शुरुआत से ही कोविड 19 के आगमन की सूचना थी और पूरा विश्व इसे परास्त करने के लिये कृतसंकल्प था लेकिन आने वाली आपदा इस तैयारी से कहीं अधिक शक्तिशाली थी और देखते ही देखते लगभग  पूरा विश्व इसकी चपेट में आगया। ऐसा कम ही हुआ है कि सम्पूर्ण मानव जाति के लिये एक पूरा वर्ष इस तरह से गुजर जाय कि उसे इस प्रकार के वर्ष के पुनःआगमन का विचार सिहरन ला दे। हालांकि मानव समाज अपने सृजन से आज तक की सभ्यता के दौर तक इस तरह के अनुभवों से गुजरा है लेकिन अतीत बिसर ही जाता है और इसकी तल्खियां समय बीतने पर नरम पड़ जाती हैं इसलिये मानव समाज इस वर्ष को भी बिसार ही देगा और तथाकथित सफलताओं के नये मानक गढ़ने के लिये चल पड़ेगा  प्रवाह का स्वरूप एक दर्पण जैसा भी है इसलिये हमने सोचा कि वर्ष 2020 के अनुभवों को इसमें समेटा जाय ताकि हमें याद रहे कि ऐसी विपरीत परिस्थिति में हमारे मनोभाव कैसे थे और कैसे हमने इस परिस्थिति का सामना किया।

February, 2021
निधि अजय पचिसिया
अभिषेक गोस्वामी
संजय कुमार यादव
प्रतिभा सक्सेना
सरोज बाला सेमवाल