पाठशाला भीतर और बाहर का चौथा अंक आपके हाथ में है। इसमें कुल पन्द्रह लेख हैं जिन्ह आठ स्तम्भों में पिरोया गया है।
परिप्रेक्ष्य स्तम्भ में तीन लेख हैं। सी एन सुब्रह्मण्यम का लेख देशज शिक्षा : बदलती छवियाँ भारतीय चित्र –शिल्प कला में शिक्षण से सम्बन्धि त चित्रों की ख़ोज यात्रा का तीसरा पड़ाव है। पहले दो लेख शिक्षण : कुछ छवियाँ और आचार्य से गुरु, उस्ताद से पीर क्रमशः पाठशाला के दूसरे व तीसरे अंक में प्रकाशित हुए हैं। देशज शिक्षा : बदलती छवियाँ लेख में भी लेखक ने शिक्षा से सम्बन्धि त कलाकृतियों के आधार पर उस समय की शिक्षा और शिक्ष ण को समझने का प्रयास कि या है। कलाकृतियों के
विस्तृत विवरण व विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए लेख उस समय की शिक्षा व्यवस्था, शिक्षण पद्धति , दण्ड और अनुशासन आदि को जानने–समझने की कोशिश करता है।
March, 2020