
प्रवाह (Pravah)
No. 3, April 2020प्रवाह का पचीसवां अंक आपके साथ साझा करते हुए मन में बहुत उत्साह है लेकिन यह उत्साह कई गुना अधिक होता अगर विगत कुछ महीनों में आया कोविड महामारी संकट नहीं होता। विचार था कि इस पचीसवें संस्करण पर कोई भव्य आयोजन करेंगे जिसमें शिक्षा के गहन मुद्दों पर विचार विमर्श भी करेंगे किन्तु वर्तमान परिस्थितियों के चलते ऐसा हो पाना संभव नहीं है।
कोविड महामारी के इस दौर में लगता है कि जैसे सब कुछ थम सा गया है। विकास और प्रगति के पथ पर भाग रही दुनिया में यह एक नया दौर है जहां एक तरफ अनजाना सा भय लगातार ...read more
प्रवाह (Pravah)
No. 2, December 2019सीखना तभी बेहतर होता है जब उसमें सीखने वाले की इच्छा शामिल होती है। यह व्यवहार से जुड़ी हुई बात है। इसके उदाहरण खुद के जीवन से जोड़ते हुए शिक्षकों व बच्चों के जीवन से जोडकर भी देखे जा सकते हैं। जरा सोचें कि हम जब विद्यालय में थे तो कौन सी कक्षा, कौन से विषय और कौन से शिक्षक हमें बहुत अच्छे लगते थे। उस अच्छे लगने की वजह क्या थी। किन कक्षाओं का इंतजार रहता था और किन शिक्षकों से बात करने का मन करता था। यह अच्छा लगना ही सीखने की बुनियाद है। शिक्षा में इसका खास महत्व है। इस अच्छे लगने और सीखने के रि...read more
प्रवाह (Pravah)
No. 1, August 2019साथियों , ‘प्रवाह’ सदा की तरह एक गतिमान संकल्पना के साथ आपके सम्मुख प्रस्तुत है। ‘प्रवाह’ की इस यात्रा में हमने कई तरह के प्रयोग किये और जानने की कोशिश की कि किस तरह का प्रारूप इसके लिये मुफीद रहेगा। शिक्षा के विमर्श में हमारी यह समझ बनी है कि मात्र वैचारिक स्तर पर बातें करने से बहुत कुछ नहीं बदलता। बदलाव की प्रक्रिया में यह जरूरी हो जाता है कि जमीनी स्तर पर बात की जाय। यह वर्ष महात्मा गंाधी की 150वीं वर्षगंाठ के रूप में भी मनाया जा रहा है और यदि हम गांधी जी के दर्शन को समझने का प्रयास करें त...read more
प्रवाह (Pravah)
February - April 2019प्रवाह (Pravah)
October 2018 - January 2019प्रवाह का यह अंक विषय विशेषांक न होकर समग्रता लिए हुए.....स्कूली शिक्षा के व्यापक पहलुओं पर.....भारत के संदर्भ में स्कूली शिक्षा से एक लोकतान्त्रिक समाज.....लोक शिक्षा के लिए आज का दौर एक चुनौती.....विद्यालय प्रमुख होने के मायने.....कक्षा मे कहानी और सुबह की सभा.....क्या तुम हामिद से दोस्ती करोगे.....पूर्णांक सीखना आसान बनाते खेल.....
प्रवाह (Pravah)
March - September 2018सामाजिक विज्ञान सीखने-सीखने के लिए यह आवश्यक है कि बच्चे किताबी पाठ को रटें नहीं बल्कि अवलोकन , खोजबीन , विश्लेषण.....सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और संवैधानिक मूल्यों को पोषित करने वाली प्रक्रियाओं.....इस अंक में शिक्षकों द्वारा बाल शोध मेले , स्थानीय स्तर पर किए गए शोध , कक्षाओं में धर्म , जाति , संवैधानिक मूल्यों को लेकर किए कामों के अनुभव ..... ग्रहण को लेकर लोक मे व्याप्त मिथक और लोक कथाओं के विश्लेषण.....शैक्षिक भ्रमणों के जरिये परिवेश की पड़ताल में बच्चों और समुदाय...read more
प्रवाह (Pravah)
December 2017 - February 2018प्रवाह (Pravah)
September – November 2017प्रवाह (Pravah)
May – August 2017प्रवाह (Pravah)
January - April 2017प्रवाह (Pravah)
June - September 2016प्रवाह (Pravah)
February - May 2016- 1 of 3
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